विश्व वन्यजीव दिवस 2023

विश्व वन्यजीव दिवस 2023

◆ वर्ष 2013 से आधिकारिक रूप से प्रत्येक वर्ष 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस (World Wildlife Day) मनाया जाता है।

Theme for 2023

वन्य जीव संरक्षण के लिए भागीदारी

( Partnerships For Wildlife Conservation)

उद्देश्य

◆ पृथ्वी से विलुप्त हो रहे जीव जंतु और पेड़ पौधों के संरक्षण एवं जागरूकता का प्रचार प्रसार करना

शुरुआत

3 मार्च, 1973 को वन्यजीवों एवं वनस्पतियों की सुप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) को हस्ताक्षरित किया गया था।

◆ इसके पश्चात इसको आधिकारिक रूप से मनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 20 दिसंबर, 2013 को अपने 68 वें सत्र में 3 मार्च को इस दिवस के रूप में घोषित किया था।

CITES 

◆ CITES का वर्ष 1963 में IUCN के सदस्य देशों की बैठक में एक प्रस्ताव के पश्चात इसका मसौदा तैयार किया गया था।

◆ यही मसौदा फिर बाद में वर्ष 1975 में लागू हुआ था जिसके तहत यह अस्तित्व में आया।

◆ इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना कि अगली पशुओं और पौधों की प्रजातियों के अस्तित्व को अंतर्राष्ट्रीय

व्यापार के लिये खतरे में न डाला आए ◆ भारत वर्ष 1976 में इसका 25वाँ भागीदार देश बना

◆ इसका सचिवालय जिनेवा (स्विट्जरलैंड) में है

◆ यह अपने सतत विकास के लक्ष्य 15 जैव-विविधता के नुकसान को रोकने पर केंद्रित है

◆ वर्तमान में 183 देशों के साथ मिलकर यह वन्यजीव वनस्पतियों के व्यापार के नियमन के माध्यम से जैव विविधता संरक्षण के लिए दुनिया के सबसे शक्तिशाली संगठनों में से एक मानी जाती है।

◆ यह लगभग 37 हजार से अधिक प्रजातियों के जानवरों और पौधों को अलग-अलग डिग्री की सुरक्षा प्रदान करता है।



वन्य जीवों व प्रजातियों का महत्व एवं उन पर मंडरा रहे संकट के बादल

◆ पूरी दुनिया के विकसित और विकासशील देशों के अरबों लोग प्रतिदिन भोजन ऊर्जा और अपने कल्याण के लिए वन्यजीव प्रजाति और संसाधनों से जुड़े हुए हैं और उन से लाभान्वित हो रहे हैं।

◆ विश्व में प्रत्येक पांच में से एक व्यक्ति आई और भोजन के लिए अन्य प्रजातियों पर निर्भर है जबकि इसके विपरीत 2.4 बिलियन लोग खाना बनाने के लिए लकड़ी के इंजन के लिए वनों पर निर्भर रहते हैं, इससे आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि वन्यजीवों का हमारे जीवन में क्या महत्व है और इन को सुरक्षित अगर हमने नहीं किया तो हमारे जीवन के समाप्त होने की नौबत भी आ जाएगी।



वन्यजीव संरक्षण के लिए भारत में संवैधानिक प्रावधान क्या है

◆ वन्य जीव संरक्षण को लेकर भारत सरकार द्वारा 42वाँ संशोधन अधिनियम, 1976, में वन और वन्य पशुओं और पक्षियों के संरक्षण को राज्य से समवर्ती सूची में स्थानांतरित किया गया था।

◆ संविधान के अनुच्छेद 51A (जी) में कहा गया है कि वनों और वन्यजीवों सहित . प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा एवं सुधार करना प्रत्येक नागरिक का मौलिक कर्तव्य होगा।

◆ राज्य नीति के निदेशक सिद्धांतों में अनुच्छेद 48 ए के अंतर्गत राज्य पर्यावरण की रक्षा और उनका विकास करने तथा देश के वनों और वन्यजीव की रक्षा करने का प्रयास करेगा।



वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972

◆ भारत सरकार का यह अधिनियम जो कि 1972 के अंतर्गत आता है इसमें वन्य जानवरों और पौधों की विभिन्न प्रजातियों के संरक्षण, उनके आवासों के प्रबंधन एवं विनियमन तथा वन्य जानवरों, पौधों व उनसे बने उत्पादों के व्यापार पर नियंत्रण के लिए एक कानूनी ढाँचा प्रदान करता है।

◆ यह अधिनियम सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की सुरक्षा और निगरानी प्राप्त उन पौधों और पशुओं की अनुसूची को भी सूचीबद्ध करता है।