पश्चिम बंगाल, पंजाब, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, हरियाणा, बिहार और राजस्थान के कुछ जिले अभी तक प्रति जिले 75 अमृत सरोवर का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाए हैं

पश्चिम बंगाल, पंजाब, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, हरियाणा, बिहार और राजस्थान के कुछ जिले अभी तक प्रति जिले 75 अमृत सरोवर का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाए  हैं

राज्यों ने अपने यहां प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर के जिला स्तरीय लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रयास किए हैं। पश्चिम बंगाल, पंजाब, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, हरियाणा, बिहार और राजस्थान को छोड़कर जहां कुछ जिलों में प्रति जिले 75 अमृत सरोवरों का लक्ष्य प्राप्त करना अभी भी बाकी है।

अब तक चिह्नित 1,12,277 अमृत सरोवरों में से 81,425 अमृत सरोवरों का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है और कुल 66,278 अमृत सरोवरों का निर्माण/कायाकल्प किया जा चुका है।  

पृष्ठभूमि:

प्रधानमंत्री ने टिकाऊ जल स्रोत प्रदान करने के उद्देश्य के साथ 24 अप्रैल, 2022 को मिशन अमृत सरोवर का शुभारंभ किया था। इसके तहत, प्रत्येक जिले से न्यूनतम 75 अमृत सरोवर का निर्माण/कायाकल्प करने की उम्मीद की जाती है। मिशन के उचित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए 50,000 अमृत सरोवरों के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया है।

इस मिशन को सरकार के समग्र दृष्टिकोण के साथ कार्यान्वित किया जा रहा है, जिसमें 8 केंद्रीय मंत्रालय/विभाग भाग ले रहे हैं। इनमें ग्रामीण विकास विभाग, भूमि संसाधन विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जल संसाधन विभाग, पंचायती राज मंत्रालय, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, रेल मंत्रालय, सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय शामिल हैं। भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान (बीआईएसएजी-एन) को मिशन के लिए तकनीकी भागीदार के रूप में जोड़ा गया है। यह मिशन राज्यों और जिलों में राज्यों की अपनी योजनाओं के अलावा महात्मा गांधी एनआरईजीएस, 15वें वित्त आयोग अनुदान, पीएमकेएसवाई की उप-योजनाओं जैसे वाटरशेड विकास घटक, हर खेत को पानी जैसी विभिन्न योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए कार्य करता है। यह भी बताना जरूरी है कि मिशन इन प्रयासों के तहत नागरिक और गैर-सरकारी संसाधनों को जुटाने के लिए प्रोत्साहित करता है।