राजस्थान के जननायक: जोगाराम पटेल – लूणी का गौरव, विकास का पर्याय
जोधपुर, लूणी:
राजस्थान की राजनीति में एक नाम जो अब जनभावनाओं का पर्याय बन चुका है – जोगाराम पटेल। किसान परिवार में जन्मे इस जननेता ने अपनी कर्मभूमि लूणी को विकास की राह पर अग्रणी बनाकर यह सिद्ध कर दिया कि जब संकल्प और सेवा साथ चलें, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं होती।
धुन्धरा की माटी से निकलकर राजधानी तक पहुँचने वाला संघर्षशील सफर
1 दिसंबर 1954 को जोधपुर जिले के गांव धुन्धरा में जन्मे जोगाराम पटेल, एक सामान्य किसान परिवार में पले-बढ़े। लेकिन सपने असामान्य थे – अपने क्षेत्र और समाज के लिए कुछ बड़ा करने का। अपने सहज स्वभाव, संघर्षशील सोच और स्पष्ट नीतियों के कारण उन्होंने आमजन के दिलों में गहरी जगह बनाई।
वर्तमान में राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री
आज जोगाराम पटेल राजस्थान सरकार में संसदीय कार्य, विधि एवं न्यायिक कार्य, विधिक परामर्श कार्यालय और न्याय विभाग जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। एक ऐसा पद जो प्रशासनिक अनुभव, विधिक समझ और राजनीतिक संतुलन की मांग करता है – और इन सभी कसौटियों पर वह शत-प्रतिशत खरे उतरते हैं।
तीन बार विधायक, तीन बार ऐतिहासिक जनादेश
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2003: पहली बार लूणी विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित, शुरू हुआ एक युग।
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2013: पुनः विधायक बने, जनता का विश्वास और मजबूत हुआ।
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2023: एक ऐतिहासिक जीत, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के महेन्द्र बिश्नोई को 24,678 मतों के रिकॉर्ड अंतर से पराजित कर यह साबित कर दिया कि लूणी की जनता का भरोसा अडिग और अटूट है।
लूणी का सबसे कद्दावर नेता – जिसने विकास को धरातल पर उतारा
लूणी क्षेत्र में सबसे ज्यादा काम करवाने वाले विधायक के रूप में पटेल की पहचान निर्विवाद है।
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सड़कें हो या स्कूल,
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अस्पताल हो या कृषि सिंचाई,
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शौचालय निर्माण हो या जलापूर्ति,
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महिलाओं की सुरक्षा हो या युवाओं के लिए खेल मैदान,
हर मोर्चे पर उनके नेतृत्व में लूणी आज राजस्थान के अग्रणी क्षेत्रों में गिना जाता है।
"जनता को वादे नहीं, परिणाम चाहिए – और जोगाराम पटेल ने लूणी को परिणाम दिए हैं।"
पटेल समाज के गौरव – समाज में सम्मान और नेतृत्व की पहचान
पटेल समाज के कद्दावर नेता के रूप में जोगाराम पटेल समाज में मार्गदर्शक और प्रेरणास्रोत के रूप में देखे जाते हैं। उन्होंने समाज के युवाओं को शिक्षा, रोजगार और सामाजिक चेतना की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
अनुभव और ईमानदारी का मेल
एक ओर जहाँ वे कानूनी और संसदीय कार्यों में निपुणता दिखाते हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी ईमानदारी, सादगी और जनसेवा का भाव उन्हें हर वर्ग के बीच प्रिय बनाता है।
विधानसभा में उनका वक्तव्य हमेशा तथ्यपूर्ण, संविधानसम्मत और गरिमामयी होता है।
“लूणी की पहचान – जोगाराम पटेल”
आज जब कोई लूणी का नाम लेता है, तो स्वतः ही जोगाराम पटेल का चेहरा सामने आता है – एक ऐसा चेहरा जो संघर्ष से चमका, एक ऐसा नाम जो विकास का वादा नहीं, विकास का प्रमाण बन गया।
उनकी जीवनी राजनीति में सच्ची जनसेवा की मिसाल है।
"न तो दिखावे की राजनीति, न वंशवाद का सहारा – सिर्फ़ जनता का प्यार, जनता की सेवा ही उनका हथियार है।"