नारियल उत्पादों के व्यापार और विपणन पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन हैदराबाद में शुरू हुआ
वैश्विक उत्पादन में 30.93 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ भारत सबसे बड़ा नारियल उत्पादक देश है, और उत्पादकता के मामले में दूसरे स्थान पर है - नारियल विकास बोर्ड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. विजयलक्ष्मी नडेंदला
हैदराबाद में नारियल विकास बोर्ड, (कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार) अंतर्राष्ट्रीय नारियल समुदाय (आईसीसी) के सहयोग से, नारियल उत्पादों के व्यापार और विपणन पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। कार्यक्रम का उद्घाटन नारियल विकास बोर्ड-सीडीबी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. विजयलक्ष्मी नदेंदला ने डॉ. जेफिना सी. अलौव, कार्यकारी निदेशक, अंतर्राष्ट्रीय नारियल समुदाय-आईसीसी; डॉ रघुनंदन राव, तेलंगाना सरकार के प्रधान सचिव और एपीसी; डॉ. पी. चंद्र शेखर, महानिदेशक, मैनेज; डॉ रमेश मित्तल, निदेशक, सीसीएस नियाम, जयपुर और श्री बर्नी फेरर क्रूज़, आईसीसी राष्ट्रीय संपर्क अधिकारी और प्रशासक की उपस्थिति में किया।
डॉ. विजयलक्ष्मी नडेंदला ने अपनी आरंभिक टिप्पणी में कहा कि आईसीसी के 2020 के आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक उत्पादन में 30.93 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ भारत दुनिया का सबसे बड़ा नारियल उत्पादक देश है, इसके बाद इंडोनेशिया और फिलीपींस का स्थान है। भारत उत्पादकता के मामले में - वियतनाम के 10,547 नट प्रति हेक्टेयर के बाद 9,346 नट प्रति हेक्टेयर के साथ दूसरे स्थान पर है। नारियल की फसल देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 307,956 मिलियन रुपये का योगदान करती है और इसके निर्यात से लगभग 75,768.80 मिलियन रुपये का राजस्व अर्जित करती है।
उन्होंने बताया कि बोर्ड देश में नारियल क्षेत्र के विकास के लिए बाजार संवर्धन गतिविधियां चला रहा है। प्रमुख गतिविधियों में बाजार संवर्धन, बाजार आसूचना, बाजार अनुसंधान, बाजार विकास, किसानों के समूह को सुविधा प्रदान करना और निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी) की जिम्मेदारियों को निभाना और अन्य समर्थकारी नीतियां शामिल हैं। वर्ष 2021-22 के दौरान नारियल उत्पादों का निर्यात 2020-21 में 2294.81 करोड़ रुपये के मुकाबले 3236.83 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 40.09 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्ज करता है।
उन्होंने यह भी बताया कि सीडीबी ने प्राथमिक स्तर पर नारियल उत्पादक समितियों (सीपीएस) के साथ त्रि-स्तरीय किसान समूहों का गठन करके किसानों को संगठित करने के लिए एक नया विस्तार दृष्टिकोण शुरू किया और मध्यवर्ती स्तर पर नारियल उत्पादक संघ (सीपीएफ) बनाने के लिए उन्हें प्रोड्यूसर्स कंपनी (सीपीसी) शीर्ष स्तर पर एकीकृत किया। अब तक देश में 9787 सीपीएस, 747 सीपीएफ और 68 सीपीसी का गठन किया जा चुका है।
दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में नारियल उत्पादों के लिए अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य पर; टिकाऊ नारियल सोर्सिंग की ओर बढ़ना; नारियल उत्पादों के लिए वैश्विक बाजार संभावनाएँ और विकास संभावनाएँ; और नारियल क्षेत्र में नवीन उद्योग पद्धतियां और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग 4 सत्र शामिल होंगे, जिसमें 20 तकनीकी पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।
इस सम्मेलन में, दुनिया भर में 450 से अधिक प्रतिनिधि वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए और 26 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि वास्तविक रूप से भाग ले रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय नारियल समुदाय-आईसीसी के कार्यकारी निदेशक, डॉ.जेल्फीना सी. अलौव ने अपने संबोधन में नारियल में वैश्विक बाजार की संभावनाओं, नारियल क्षेत्र में नवीन उद्योग और नारियल क्षेत्र में स्थिरता पर तकनीकी जानकारी के हस्तांतरण की सुविधा के बारे में बल दिया।
तेलंगाना सरकार के प्रधान सचिव और एपीसी डॉ रघुनंदन राव ने अपने संबोधन में बताया कि तेलंगाना कृषि पर भारी निवेश कर रहा है और नारियल के फसल में जबरदस्त वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य खेतों की फसलों से रोपण फसलों की ओर स्थानांतरित हो रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय नारियल समुदाय-आईसीसी के राष्ट्रीय संपर्क अधिकारी और प्रशासक श्री बर्नी फेरर क्रूज़ ने नारियल क्षेत्र के महत्व पर बल दिया, जिसके लिए बाजार अनुसंधान, नारियल मूल्य वर्धित उत्पादों की गुणवत्ता और डिजिटल मार्केटिंग में सफलता की आवश्यकता है।
इस अवसर पर, नारियल विकास बोर्ड-सीडीबी के इंडियन कोकोनट जर्नल का हीरक जयंती अंक जारी किया गया और नारियल विकास बोर्ड और राष्ट्रीय कृषि विस्तार और प्रबंधन संस्थान (मैनेज) और राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान (एनआईएएम) के बीच स्टार्ट अप, बाजार संचालित परियोजनाएं, अनुसंधान, प्रशिक्षण कार्यक्रम और एफपीओ क्षेत्रों में गतिविधियों को संचालित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
मुख्य नारियल विकास अधिकारी डॉ. हनुमंठे गौड़ा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।