सिकल सेल रोग एक बहु-क्षेत्रीय मिशन है जिसे सामुदायिक लामबंदी और हितधारक सहयोग का लाभ मिलता है: डॉ. वी के पॉल

"सिकल सेल रोग का उन्मूलन भारत में सभी के लिए स्वास्थ्य की समग्र कल्‍पना को हासिल करने का एक अभिन्न अंग" "जमीनी स्तर पर आखिरी छोर तक वितरण सुनिश्चित करने के लिए राज्य, ब्लॉक और जिला स्तर पर समयबद्ध कार्यान्वयन अनिवार्य"

सिकल सेल रोग एक बहु-क्षेत्रीय मिशन है जिसे सामुदायिक लामबंदी और हितधारक सहयोग का लाभ मिलता है: डॉ. वी के पॉल

"सिकल सेल रोग एक बहु-क्षेत्रीय मिशन है जिसे सामुदायिक लामबंदी और हितधारक सहयोग का लाभ मिलता है। सिकल सेल रोग का उन्मूलन भारत में सभी के लिए स्वास्थ्य की समग्र कल्‍पना को प्राप्त करने का एक अभिन्न अंग है।" नीति आयोग में स्‍वास्‍थ्‍य सदस्‍य डा. वी. के. पॉल ने स्वास्थ्य मंत्रालय में सचिव श्री राजेश भूषण की उपस्थिति में बजट के बाद आज आयोजित एक वेबिनार "लीविंग नो सिटीजन बिहाइंड" में यह बात कही।

 

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इस अवसर पर, डॉ. पॉल ने कहा, "हमें जमीनी स्तर पर तुलना करनी होगी जिससे प्रत्येक हितधारक जुड़ता हो। हमें अंतिम छोर में बैठै व्‍यक्‍ति तक पहुंचने के लिए इसे जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता है।” इसके साथ ही डॉ. पॉल ने सिकल सेल रोग के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने की आवश्यकता पर बल दिया  जिसमें 'अवसर मिलने पर जांच' के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे पहले से ही बीमारी से पीड़ित लोगों के उपचार में तेजी आएगी। उन्होंने प्रभावित जनजातीय क्षेत्रों तक पहुँचने के लिए माध्यम और तरीकों को परिभाषित करने में सामुदायिक लामबंदी और हितधारक सहयोग में जनजातीय कार्य मंत्रालय की भूमिका पर जोर दिया।

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उन्होंने कहा "इस बात की व्यापक जानकारी होने की आवश्यकता है कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना सिकल सेल रोग के लिए मुफ्त में पूर्ण उपचार प्रदान करती है। डॉ पॉल ने स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर साझेदारी बनाने की वकालत की जो राष्ट्रव्यापी स्तर पर ज्ञान को व्यापक रूप से आत्मसात करने और साझा करने की सुविधा प्रदान करेगी। उन्होंने गर्भावस्था जांच को शामिल करने के महत्व के साथ-साथ हाइड्रोक्सी यूरिया और न्यूमोकोकल वैक्सीन की आसान पहुंच पर जोर दिया।

सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता को दोहराते हुए, केन्‍द्रीय स्वास्थ्य सचिव, श्री राजेश भूषण ने कहा, "एक निर्धारित समय सीमा के भीतर देश से इस बीमारी को खत्म करने के लिए पूरी सरकार, पूरे समाज का दृष्टिकोण आवश्यक है। उन्होंने विस्तार से बताया कि सिकल सेल रोग प्रबंधन पर पोर्टल पहले ही स्थापित किया जा चुका है और एक मोबाइल एप्लिकेशन भी चल रहा है जिसके लिए राज्य सरकारों के लिए प्रशिक्षण और उन्मुखीकरण शुरू हो गया है।

श्री भूषण ने जोर देकर कहा कि "जमीनी स्तर पर अंतिम छोर तक आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य, ब्लॉक और जिला स्तर पर समयबद्ध कार्यान्वयन के लिए एक रूपरेखा को परिभाषित करना अनिवार्य है"।

उन्होंने कहा, "आईसीएमआर ने भारत में निर्मित मौजूदा पॉइंट-ऑफ-केयर जांच के लिए एक स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी मूल्यांकन किया है, जो उनकी क्षमता की पुष्टि करता है, और संभावित लक्षण जो 7 करोड़ लोगों के लक्षित समूह के साथ प्रचलित हो सकते हैं, जिनके लिए स्क्रीनिंग की जायेगी।"

मंत्रालय की भूमिका को दोहराते हुए, स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से राज्य सरकारों का समर्थन करेगा। इसके अतिरिक्त, स्वास्थ्य मंत्रालय ने तकनीकी मार्गदर्शन के संदर्भ में एक बिंदु के रूप में सभी राज्यों के लिए आईसीएमआर, एम्स और मेडिकल कॉलेजों को नोडल एजेंसी नियुक्त किया है।

जनजातीय कार्य मंत्रालय में अपर सचिव सुश्री आर जया ने उल्लेख किया कि जनजातीय कार्य मंत्रालय मिशन के पहुंच के पहलू पर विचार करेगा जिसमें हितधारकों के साथ संचार, प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए दिशानिर्देश विकसित करना और जागरूकता पैदा करना, रोगी की गैर-चिकित्सा देखभाल और अनुवांशिक परामर्श शामिल है। उन्होंने कहा "जनजातीय आबादी की स्वास्थ्य आवश्यकताओं और स्वास्थ्य देखभाल को सामाजिक-सांस्कृतिक रूप से समझा जाना है" इसलिए मिशन की पहुंच बढ़ाने के लिए प्रारंभिक प्रबंधन कार्य प्रणालियों की वकालत, ग्राम सभा के साथ सहयोग, सामुदायिक लामबंदी, जनजातीय भाषाओं में सामग्री का अनुवाद अतिरिक्त रूप से सेवा प्रदान करेगा।

एक विस्तृत प्रस्तुति के माध्यम से, जनजातीय कार्य मंत्रालय के साथ सहयोग कर रोग के मुख्‍य विषय का विस्‍तृत विश्‍लेषण, उद्देश्‍य, रणनीति, सामान्‍य स्‍क्रीनिंग जैसी सोच और जागरूकता, निदान और उपचार, सिकल सेल रोग के साथ नवजात शिशु की व्यापक देखभाल, सार्वभौमिक स्क्रीनिंग और प्रारंभिक निदान, सिकल सेल पोर्टल, आयुष के एकीकरण के साथ उठाए गए कदम, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय की भूमिका, उत्‍कृष्‍टता केन्‍द्रों के रूप में आईसीएमआर की भूमिका, बायोटेक विभाग और अन्य शोध संस्थान, एम्स और अन्य मेडिकल कॉलेजों की भूमिका, राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया मिशन के अन्य मंत्रालयों/विभागों की भूमिका प्रस्तुत की गई।

इस वेबिनार में सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, यूआईडीबी, नागरिक समाज संगठनों, स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।