जयपुर, 23 फरवरी। प्रदेश में खनिज ब्लॉकों की नीलामी के लिए अब एग्रेसिव मार्केटिंग की जायेगी जिसमें आधुनिकतम प्रचार-प्रसार माध्यमों का उपयोग किया जाएगा जिससे राजस्व में बढोतरी होगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने गुरूवार को सचिवालय में राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरशेन ट्रस्ट की एक्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में प्रचुर मात्रा में खनिज संपदा है। खनिज ब्लॉक की नीलामी के लिए एग्रेसिव मार्केटिंग से राज्य सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त होगा।
डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि माइंस विभाग द्वारा पारदर्शी व्यवस्था के तहत भारत सरकार के पोर्टल पर ई-नीलामी की जाती है, इससे देश दुनिया में कहीं से भी इच्छुक व्यक्ति अथवा कम्पनी नीलामी में हिस्सा ले सकते हैं। अब मिनरल ब्लॉक के स्थान, क्षेत्रफल, संभावित डिपोजिट व नीलामी की दिनांक सहित सभी आवश्यक जानकारी का समावेश करते हुए प्रचार-प्रसार के लिए सोशल मीडिया और प्रचार-प्रसार की अन्य आधुनिकतम तकनीक का उपयोग करने का भी निर्णय लिया गया है। ड्रोन के माध्यम से क्षेत्रा की तस्वीर, वीडियो क्लिपिंग्स व डिटेल्स तैयार कर वाट्सएप, फेसबुक, यू -ट्यूब, ई-मेल व अन्य माध्यमों से प्रचार-प्रसार किया जाएगा ताकि ऑक्शन के संबंध में अधिक से अधिक लोगों तक जानकारी पहुंच सके और ऑक्शन में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ ही अधिक राजस्व प्राप्त हो सके।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि विभाग द्वारा मेजर और माइनर, दोनों ही तरह के मिनरल ब्लॉकों के ऑक्शन कार्य में तेजी लाई गई है। अब प्रदेश के मिनरल ब्लॉकों की नीलामी प्रीमियम दरों पर होने लगी है।
आरएसएमईटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री एनपी सिंह ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा खनिज खोज कार्य को गति देने के लिए आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही तकनीकी मार्गदर्शन व वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराया जा रहा है।
बैठक में अतिरिक्त निदेशक श्री आलोक जैन, श्री जीएस निर्वाण, एफए श्री गिरिश कछारा, एसजी श्री संजय गोस्वामी, एमईसीएल के श्री एसके कुलश्रेष्ठ, एमईसीएल के श्री प्रदीप कुलकर्णी, आरएसएमएम के श्री सौरभ श्रीवास्तव व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।