जयपुर, 23 फरवरी। शहरों में बेरोजगारों के लिए इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना मददगार साबित हो रही है। मनरेगा की तर्ज पर शुरू इस योजना में अब प्रति परिवार 125 दिवस का रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने हर हाथ को रोजगार और बेरोजगारों को सम्बल प्रदान करने के लिए 100 दिन से बढ़ाकर 125 दिन रोजगार के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है।
श्री गहलोत ने योजना के अनुमोदित दिशा-निर्देशों में संशोधन की सहमति दे दी है। यह संशोधन 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी होगा। शहरी बेरोजगारों को 25 दिवस का अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराने से लगभग 1100 करोड़ रुपए का व्यय होना संभावित है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा इस संबंध में बजट 2023-24 में घोषणा की गई है।
मुख्यमंत्री की वर्ष 2022-23 की बजट घोषणा के अंतर्गत इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना लागू की गई थी। गत वर्ष योजनान्तर्गत प्रति परिवार 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराने के लिए 800 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया था।
9 सितंबर 2022 को जयपुर से हुआ था योजना का शुभारम्भ
श्री गहलोत ने 18वीं शताब्दी में निर्मित जयपुर स्थित खानिया की बावड़ी से 9 सितंबर 2022 को इस योजना का शुभारम्भ किया था। योजना में जरूरतमंद परिवार जन आधार कार्ड के माध्यम से जॉब कार्ड बनवाकर रोजगार की मांग कर सकते हैं। शहरी बेरोजगारों को रोजगार की गारंटी प्रदान कर राज्य सरकार द्वारा बेरोजगारी के विरूद्ध यह योजना संचालित की गई है।
इस योजना में पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, हैरिटेज संरक्षण, स्वच्छता, सेवा, कन्वर्जेंस तथा सम्पत्ति विरूपण रोकने संबंधी कार्यों सहित अन्य कई तरह के कार्य अनुमत किए गए हैं।
योजना के महत्वपूर्ण बिन्दु
- 4.51 लाख से अधिक जॉब कार्ड अब तक बनाए गए
- 6.94 लाख से अधिक सदस्य अब तक योजना से जुड़े
- 3.09 लाख परिवारों द्वारा अब तक रोजगार की मांग की गई
- 1.13 लाख से अधिक ऑनलाइन मस्टररोल जारी
- 259 रूपये अकुशल श्रमिक की प्रति दिवस मजदूरी
- 271 रूपये अद्र्धकुशल श्रमिक/मेट की प्रति दिवस मजदूरी
- 283 रूपये कुशल श्रमिक की प्रति दिवस मजदूरी
- 18 से 60 वर्ष की आयु के व्यक्ति कर सकते हैं कार्य
- ई-मित्र से भी जन आधार कार्ड के जरिए निःशुल्क पंजीकरण की सुविधा