पाली और जालौर में भेड़ों में फैल रही संक्रामक बीमारी पर पशुपालन मंत्री ने जताई चिंता, विशेष चिकित्सा दल किए रवाना

पाली और जालौर में भेड़ों में फैल रही संक्रामक बीमारी पर पशुपालन मंत्री ने जताई चिंता, विशेष चिकित्सा दल किए रवाना

जयपुर, 31 अक्टूबर। पशुपालन, डेयरी और गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने पाली एवं जालौर जिलों में भेड़ों में फैल रही संक्रामक बीमारी की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से विशेष चिकित्सा टीमें प्रभावित क्षेत्रों में भेजने और बीमार पशुओं के समुचित उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

मंत्री कुमावत ने बताया कि दोनों जिलों में पशुपालन विभाग द्वारा विशेष कार्ययोजना के तहत त्वरित कार्रवाई की जा रही है, ताकि संक्रमण पर शीघ्र नियंत्रण पाया जा सके और पशुधन की हानि रोकी जा सके।

उन्होंने बताया कि जालौर जिले के आहोर नोडल क्षेत्र में अधिक संख्या में भेड़ें प्रभावित हुई हैं, जबकि अन्य क्षेत्रों से भी कुछ छिटपुट मामले सामने आए हैं। आहोर क्षेत्र में संक्रमित भेड़ों के सर्वे और उपचार के लिए 12 दलों में 40 सदस्यीय टीमें गठित की गई हैं, जो लगातार सर्वेक्षण एवं उपचार कार्य में जुटी हैं। संक्रमित पशुओं के ब्लड सैंपल और नेजल स्वैब जांच हेतु प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। अब तक आहोर के विभिन्न गांवों में 9,000 से अधिक भेड़ों का सर्वेक्षण किया जा चुका है और वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है।

जिले के अन्य क्षेत्रों में भी एहतियाती उपाय किए जा रहे हैं। संक्रमित पशुओं को अन्य पशुओं से क्वारेंटाइन कर दिया गया है, ताकि संक्रमण का फैलाव रोका जा सके। पशुपालकों को आवश्यक परामर्श और सहायता भी प्रदान की जा रही है।

मंत्री कुमावत ने बताया कि पाली जिले में भी कुछ घटनाएं सामने आई हैं, जिन पर त्वरित संज्ञान लेते हुए उपचार कार्य शुरू कर दिया गया है। पाली के चाणोद गांव से सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि तुरंत सर्वे दलों का गठन कर प्रभावित क्षेत्रों में बीमारी की पहचान और उपचार का कार्य प्राथमिकता से किया जाए।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पशुधन की सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। दोनों जिलों में पशु चिकित्सकों की टीमें गांव-गांव जाकर पशुओं की जांच, सैंपल संग्रहण और जागरूकता शिविरों का आयोजन कर रही हैं।

मंत्री ने स्पष्ट कहा कि इस संबंध में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त दवाइयों व संसाधनों की आपूर्ति तत्काल की जाएगी। उन्होंने पशुपालकों से अपील की कि वे अपने पशुओं का समय-समय पर टीकाकरण कराएं, बीमार पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखें तथा संक्रमण की किसी भी स्थिति में निकटतम पशु चिकित्सालय से तुरंत संपर्क करें।