प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऊर्जा नीति से राजस्थान बना अक्षय ऊर्जा का सिरमौर, सवाई माधोपुर जिले में सौर ऊर्जा की नई छलांग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऊर्जा नीति से राजस्थान बना अक्षय ऊर्जा का सिरमौर, सवाई माधोपुर जिले में सौर ऊर्जा की नई छलांग

जयपुर/सवाई माधोपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी ऊर्जा नीति और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में राजस्थान आज अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में देश का सिरमौर राज्य बन चुका है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना ने राज्य में सौर ऊर्जा उत्पादन को नई ऊँचाइयों पर पहुंचा दिया है, जिसमें सवाई माधोपुर जिला भी इस राष्ट्रीय ऊर्जा क्रांति का महत्वपूर्ण सहभागी बन गया है।

सवाई माधोपुर में बढ़ी सौर उत्पादन क्षमता

बौंली उपखंड के कोलाड़ा 33/11 केवी सब-स्टेशन क्षेत्र में हाल ही में 1.82 मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया गया है। यह राज्य का 956वां सौर संयंत्र है, जिससे सवाई माधोपुर जिले की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

राजस्थान ने पीएम-कुसुम योजना के कंपोनेंट-ए और कंपोनेंट-सी के तहत अब तक 2,000 मेगावाट से अधिक क्षमता के विकेन्द्रित सौर संयंत्र स्थापित कर देश में नई मिसाल कायम की है। योजना के कंपोनेंट-ए में राजस्थान देश में प्रथम स्थान पर है, जबकि कंपोनेंट-सी में महाराष्ट्र और गुजरात के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।

2.94 मेगावाट के संयंत्रों से किसानों को दिन में मिलेगी बिजली

इसी क्रम में, रामसिंहपुरा 33/11 केवी सब-स्टेशन क्षेत्र में 1.12 मेगावाट क्षमता का विकेन्द्रित सौर संयंत्र भी प्रारंभ किया गया है। कोलाड़ा और रामसिंहपुरा में कुल 2.94 मेगावाट क्षमता के इन संयंत्रों से 250 से अधिक कृषक परिवारों को दिन के समय सौर ऊर्जा आधारित बिजली उपलब्ध होगी।

वर्तमान में सवाई माधोपुर जिले में कंपोनेंट-ए के तहत 3 मेगावाट के संयंत्र चालू हैं, जबकि 3.67 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता वाले संयंत्रों पर कार्य प्रगति पर है। सारसोप (1.42 मेगावाट) और कोलाड़ा (2.25 मेगावाट) में संयंत्रों का कार्य अंतिम चरण में है।

किसानों के लिए लाभ का नया सूर्योदय

प्रधानमंत्री कुसुम योजना ने देशभर के किसानों के जीवन में नई ऊर्जा का संचार किया है। अब किसान बिजली और डीजल निर्भरता से मुक्त होकर सौर ऊर्जा का उपयोग करते हुए दिन के समय सिंचाई कर रहे हैं। इससे उत्पादन लागत में कमी आई है और अतिरिक्त आय के अवसर भी बढ़े हैं।

ऊर्जा विभाग और विद्युत वितरण निगमों ने इस योजना को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू किया है। राज्य की उत्कृष्ट प्रगति को देखते हुए केंद्र सरकार ने कंपोनेंट-ए में 2024-25 के लिए 397 मेगावाट और 2025-26 के लिए 5000 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता का आवंटन किया है।

साथ ही, कंपोनेंट-सी के लिए दोनों वर्षों में 2 लाख सोलर पंपों की अतिरिक्त क्षमता स्वीकृत की गई है। अब तक केंद्र सरकार राजस्थान को 5500 मेगावाट (कंपोनेंट-ए) और 4 लाख सोलर पंपों (कंपोनेंट-सी) का लक्ष्य दे चुकी है।

कृषि कनेक्शनों को मिली नई गति

राज्य सरकार ने कृषि कनेक्शन नीति-2017 में संशोधन करते हुए यह प्रावधान किया है कि कुसुम योजना के तहत स्थापित सौर संयंत्रों से जुड़े फीडरों पर प्राथमिकता के आधार पर कृषि कनेक्शन जारी किए जाएंगे।

इस निर्णय से सवाई माधोपुर जिले में किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। वर्तमान में जिले में 1,590 कृषि कनेक्शन लंबित हैं और 480 नए आवेदन प्राप्त हुए हैं। नई नीति के तहत इन आवेदनों की शीघ्र स्वीकृति से किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराना संभव होगा।

दीपावली से पहले बिजली कनेक्शन वितरण में तेजी

विशेष अभियान के तहत 1 से 20 अक्टूबर तक जिले में 501 घरेलू कनेक्शन जारी किए गए हैं। यह अभियान दीपावली से पहले आम नागरिकों को विद्युत सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चलाया गया।

हरित ऊर्जा से समृद्धि की नई कहानी

कोलाड़ा, रामसिंहपुरा, बोली, मित्रपुरा और बोरखेड़ा जैसे क्षेत्रों में स्थापित विकेन्द्रित सौर संयंत्र न केवल किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध करा रहे हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, ग्रामीण रोजगार और स्थानीय समृद्धि की नई कहानी भी लिख रहे हैं।