अंता उपचुनाव में दुष्यंत सिंह को मिली बड़ी जिम्मेदारी, वसुंधरा राजे की प्रतिष्ठा दांव पर

अंता उपचुनाव में दुष्यंत सिंह को मिली बड़ी जिम्मेदारी, वसुंधरा राजे की प्रतिष्ठा दांव पर

जयपुर। राजस्थान में होने वाले अंता विधानसभा उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। पार्टी ने अब उपचुनाव के लिए चुनाव समिति का गठन कर दिया है, जिसमें संगठन के कई दिग्गज नेताओं को शामिल किया गया है।

सबसे अहम बात यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र और झालावाड़-बारां सांसद दुष्यंत सिंह को चुनाव प्रभारी बनाया गया है। यह जिम्मेदारी न सिर्फ अंता उपचुनाव बल्कि वसुंधरा राजे की राजनीतिक प्रतिष्ठा से भी सीधे तौर पर जुड़ी मानी जा रही है।

भाजपा ने इस उपचुनाव को पूरी ताकत से जीतने के लिए मैदान में उतरने का मन बना लिया है। पार्टी की चुनाव समिति में 2 सांसद, 9 विधायक और 2 मंत्री शामिल किए गए हैं, जो मिलकर अंता में संगठन को मजबूती देने और रणनीति पर काम करेंगे।

इस समिति में राजस्थान सरकार के मंत्री जोगाराम पटेल को चुनाव प्रभारी मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पटेल संगठन और प्रबंधन में अपनी सटीक रणनीति के लिए जाने जाते हैं। वहीं, विधायक श्रीचंद कृपलानी और जिला प्रभारी छगन माहुर को चुनाव सह प्रभारी नियुक्त किया गया है।

चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी नरेश सिकरवार और महेंद्र कुमावत को दी गई है, जो जमीनी स्तर पर बूथ से लेकर मतदान केंद्र तक की रणनीति तैयार करेंगे।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अंता उपचुनाव भाजपा के लिए केवल एक सीट की लड़ाई नहीं है, बल्कि यह राजस्थान की राजनीति में वसुंधरा राजे गुट की शक्ति प्रदर्शन का अवसर भी माना जा रहा है। दुष्यंत सिंह की अगुवाई में भाजपा इस उपचुनाव को जीतकर एक बार फिर यह संदेश देना चाहती है कि पार्टी के भीतर उनका नेतृत्व अब भी प्रभावशाली है।

वहीं, कांग्रेस भी इस उपचुनाव को लेकर पूरी ताकत झोंक रही है। ऐसे में अंता की सीट पर मुकाबला दिलचस्प और प्रतिष्ठापूर्ण हो गया है।

भाजपा ने दुष्यंत सिंह और जोगाराम पटेल जैसे अनुभवी नेताओं पर भरोसा जताकर यह साफ संकेत दिया है कि पार्टी इस उपचुनाव को किसी भी कीमत पर गंवाना नहीं चाहती। आने वाले दिनों में स्टार प्रचारकों के दौरे और रैलियों से अंता में सियासी सरगर्मी और बढ़ने की संभावना है।