वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री संजय शर्मा ने किया राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य का दौरा, घड़ियाल संरक्षण मॉडल को राजस्थान में भी लागू करने पर जोर

वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री संजय शर्मा ने किया राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य का दौरा, घड़ियाल संरक्षण मॉडल को राजस्थान में भी लागू करने पर जोर

वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संजय शर्मा ने सोमवार को मध्यप्रदेश के देवरी, मुरैना स्थित राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य घड़ियाल पालन केंद्र का दौरा कर वहां की व्यवस्थाओं और संरक्षण मॉडल का अवलोकन किया।

संजय शर्मा ने अभयारण्य परिसर में घड़ियाल संरक्षण एवं कृत्रिम प्रजनन की प्रक्रिया की जानकारी ली और वहां अपनाई जा रही वैज्ञानिक पद्धतियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि घड़ियाल नदियों की पारिस्थितिकी संतुलन में अहम भूमिका निभाते हैं और इनके संरक्षण के लिए राजस्थान सरकार भी ठोस कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।

राजस्थान में भी होगा चंबल मॉडल पर संरक्षण कार्य

राज्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार मध्यप्रदेश में चंबल नदी पर घड़ियालों के संरक्षण का कार्य संगठित एवं वैज्ञानिक ढंग से किया जा रहा है, उसी तर्ज पर राजस्थान में भी चंबल नदी क्षेत्र में घड़ियाल संरक्षण के प्रयास तेज किए जाएंगे।
उन्होंने संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि चंबल नदी क्षेत्र में घड़ियाल संरक्षण, निगरानी और प्रजनन केंद्रों के विकास के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए।

राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य का संरक्षण कार्य देशभर में मिसाल

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य घड़ियालों के कृत्रिम प्रजनन और संरक्षण के क्षेत्र में देश का अग्रणी केंद्र है। यहां चंबल नदी के घाटों से एकत्र किए गए घड़ियाल के अंडों से शिशुओं का पालन लगभग तीन वर्ष तक किया जाता है, जिसके बाद उन्हें नदी में पुनः छोड़ा जाता है। यह प्रक्रिया घड़ियालों की लुप्तप्राय प्रजाति को संरक्षित करने में अत्यंत कारगर सिद्ध हुई है।