राजस्थान लोकसभा चुनाव 2024: बीजेपी को 14 सीटों पर जीत, कांग्रेस ने एक दशक बाद खोला खाता
जयपुर: राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों पर हुए चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को 14 सीटों पर जीत के साथ संतोष करना पड़ा है। इस बार का चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्पीकर रहते हुए जीत को कायम रखते हुए ऐतिहासिक मिथ को तोड़ दिया। इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष रहे सांसदों को या तो टिकट नहीं मिली या फिर वे चुनाव हार गए थे।
बीजेपी के प्रमुख विजेता
बीजेपी की जीत में केंद्रीय मंत्रियों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल और भूपेन्द्र यादव चुनाव जीतने में कामयाब रहे। हालांकि, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी को बाड़मेर से शिकस्त का सामना करना पड़ा।
अन्य प्रमुख बीजेपी विजेताओं में शामिल हैं:
- मंजू शर्मा (जयपुर शहर)
- महिमा कुमारी (राजसमंद)
- मन्नालाल रावत (उदयपुर)
- सीपी जोशी (चित्तौड़गढ़)
- पीपी चौधरी (पाली)
- लुंबाराम चौधरी (जालोर)
- दुष्यंत सिंह (झालावाड़, पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र)
- दामोदर अग्रवाल (भीलवाड़ा)
- भागीरथ चौधरी (अजमेर)
- राव राजेन्द्र सिंह (जयपुर ग्रामीण)
- उम्मेदाराम (बाड़मेर-जैसलमेर)
- भूपेंद्र यादव (अलवर)
कांग्रेस का एक दशक बाद खुला खाता
राजस्थान में कांग्रेस ने एक दशक का सूखा खत्म करते हुए पूर्वी राजस्थान में शानदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस के विजेता:
- संजना जाटव (भरतपुर)
- भजनलाल जाटव (धौलपुर)
- हरीश मीणा (टोंक)
- मुरारीलाल मीणा (दौसा)
- उम्मेदाराम बेनीवाल (बाड़मेर)
- बृजेन्द्र ओला (झुंझुनू)
- राहुल कस्वां (चूरू)
- कुलदीप इंदौरा (श्रीगंगानगर)
हालांकि, जालोर से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत चुनाव हार गए।
गठबंधन का प्रदर्शन
राजस्थान की 25 सीटों पर लड़ रहे इंडिया गठबंधन के तहत 22 सीटों पर कांग्रेस ने मुकाबला किया, जिसमें उन्हें आठ सीटों पर जीत हासिल हुई। गठबंधन के अन्य विजेता:
- अमराराम (सीकर, माकपा)
- हनुमान बेनीवाल (नागौर, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी)
- राजकुमार रोत (वागड़, भारतीय आदिवासी पार्टी)
इस चुनाव परिणाम ने राज्य की राजनीति में नए समीकरण बनाए हैं। बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण साबित हुआ, जहां बीजेपी को कुछ महत्वपूर्ण सीटों पर हार का सामना करना पड़ा, वहीं कांग्रेस ने एक दशक के लंबे अंतराल के बाद अपने खाते में सीटें जोड़ीं। गठबंधन ने भी कुछ क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे राजस्थान की राजनीतिक परिदृश्य में नई दिशा की उम्मीद है।