मिशन 2030 हितधारकों की सहभागिता से माइनिंग से जुड़े सभी क्षेत्रों व उद्यमों के विकास का बनेगा विजन डॉक्यूमेंट, क्रियान्वयन का तैयार होगा रोडमेप-एसीएस माइंस श्रीमती वीनू गुप्ता - दुर्लभतम खनिज संपदा सहित 85 मेजर व माइनर मिनरल में से 57 मिनरल्स का प्रदेश में खनन - कृषि के बाद माइनिंग सेक्टर में सर्वाधिक रोजगार के अवसर -सोमवार को 5 जिलों में मिशन 2030 शिविर

मिशन 2030 हितधारकों की सहभागिता से माइनिंग से जुड़े सभी क्षेत्रों व उद्यमों के विकास का बनेगा विजन डॉक्यूमेंट, क्रियान्वयन का तैयार होगा रोडमेप-एसीएस माइंस श्रीमती वीनू गुप्ता - दुर्लभतम खनिज संपदा सहित 85 मेजर व माइनर मिनरल में से 57 मिनरल्स का प्रदेश में खनन - कृषि के बाद माइनिंग सेक्टर में सर्वाधिक रोजगार के अवसर -सोमवार को 5 जिलों में मिशन 2030 शिविर
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम वीनू गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्रीश्री अशोक गहलोत के वर्ष 2030 तक प्रदेश को अन्य क्षेत्रों की तरह ही माइनिंग क्षेत्र  में  भी अग्रणी प्रदेश बनाने के सपने को साकार करने के लिए प्रदेश के माइनिंग क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों, खानधारकों, माइनिंग उद्यमियों, माइंस एक्सप्लोरेशन व खनन क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधियों और विभिन्न एसोसिएशन के प्रतिनिधियों सहित सभी हितधारकों की मिशन 2030 के तहत जिलों में आयोजित शिविरों में सक्रिय हिस्सेदारी तय करते हुए सीधा संवाद कायम किया जा रहा है। राजस्थान खनिज संपदा के क्षेत्र में देश में सर्वाधिक संपन्न प्रदेश है। इसी को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि मिशन 2030 शिविरों में हितधारकों की अधिक से अधिक हिस्सेदारी तय की जाए ताकि माइनिंग से जुड़े सभी क्षेत्रों व उद्यमों के विकास का विजन डाक्यूमेंट बनाते हुए क्रियान्वयन का रोडमेप तैयार किया जा सके।
गुप्ता ने निदेशक माइंस व अधिकारियों के साथ प्रगति समीक्षा करते हुए अब तक 10 जिलों में आयोजित मिशन 2030 शिविरों में हितधारकों की हिस्सेदारी व सुझावों को उत्साहवर्द्धक बताते हुए कहा कि मिशन के लक्ष्यों, भावी कार्ययोजना, विभागीय परिकल्पना और माइनिंग क्षेत्र में तेजी से विकास की संभावनाओं पर सीधा संवाद कर सुझाव प्राप्त करने पर जोर दिया जा रहा है ताकि इस क्षेत्र के विकास में यदि कोई अवरोध या बाधाएं आ रही है तो उन्हें दूर किया जा सके, व्यवस्था को और अधिक सरल बनाने के साथ ही मिशन 2030 का ऐसा रोडमेप तैयार किया जा सके कि राजस्थान माइनिंग क्षेत्र में देश दुनिया में नए आयाम स्थापित कर सकें। उन्होंने बताया कि कृषि के बाद माइनिंग सेक्टर ही ऐसा सेक्टर है जहां गांव-ढ़ाणी तक रोजगार के सर्वाधिक अवसर उपलब्ध हो रहे हैं।
निदेशक माइंस संदेश नायक ने बताया कि मिशन 2030 के तहत विभाग द्वारा उद्योग विभाग के साथ संयुक्त रुप से हिस्सा लिया जा रहा है। अब तक अजमेर, उदयपुर, दौसा, सवाई माधोपुर, पाली, भीलवाड़ा, जोधपुर, कोटा, सीकर और सिरोही सहित 10 जिलों में आयोजित शिविरों में हितधारकों का रेस्पांस उत्साहजनक रहा है। उन्होंने बताया कि 4 सितंबर को ही भरतपुर, भीलवाड़ा, बांसवाडा, झुन्झुनू और श्रीगंगानगर में मिशन 2030 के तहत शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
नायक ने बताया कि प्रदेश में 85 तरह के मेजर व माइनर मिनरल होने के साथ ही अतिदुर्लभतम खनिज संपदा में से 57 मिनरल्स का खनन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दिशा निर्देश व खान मंत्री प्रमोद जैन भाया के मार्गदर्शन के अनुसार प्रदेश में खनिज एक्सप्लोरेशन कार्य में गति लाई गई है और इसी का परिणाम है कि प्रदेश में माइनिंग ब्लॉकों के ऑक्शन का भी नया रेकार्ड बनने जा रहा है।
 
नायक ने बताया कि मिशन 2030 शिविरों में प्राप्त सुझावों को जहां पब्लिक डोमेन में रखा जा रहा है वहीं मिशन 2030 के तहत बनने वाले विजन डॉक्यूमेंट में उपादेय सुझावों का समावेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सीधे संवाद से इस क्षेत्र से जुड़ हितधारकों व विशेषज्ञों के अनुभवों को साझा करने का अवसर मिल रहा है वहीं देश दुनिया में आ रही तकनीक व बदलावों से रुबरु होने का अवसर भी मिल रहा है।