108 कुंडीय विद्या महालक्ष्मी महायज्ञ : भागवत कथा का तीसरा दिन
जोधपुर। ओमकार सनातन वेद शक्तिपीठ नागौर द्वारा श्री मनोकामेश्वर डूंगरिया महादेव मन्दिर सूरसागर में चैत्र नवरात्रा के उपलक्ष में पांच दिवसीय 108 कुंडीय विद्या महालक्ष्मी महायज्ञ व भगवद् गीता व्याख्यान महोत्सव ओमकार सनातन वेद शक्तिपीठ के संस्थापक महंत स्वामी लक्ष्मीनारायण दास महाराज के श्रीमुख से भगवद् गीता व्याख्यान प्रवचन व 108 कुण्डीय महालक्ष्मी महायज्ञ महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है जिसमें 108 कुण्डीय महालक्ष्मी महायज्ञ में एक करोड़ 8 लाख मंत्रोच्चार के साथ आहुतियां दी गई। महायज्ञ का समय सुबह आठ से दस बजे तक चला
ओमकार सनातन वेद शक्ति पीठ नागौर द्वारा श्रीमनोकामेश्वर डुंगरिया महादेव मंदिर सूरसागर में भागवत कथा
चल रही भागवत कथा के तीसरे दिन कथा का श्रवण करने के लिए
वहीं कथा का वाचन कर रहे महंत स्वामी लक्ष्मी नारायण दास महाराज ने कहा बड़े गौरव की बात है कि जोधपुर की पावन धरा पर मुझे भागवत कथा वाचन करने का सौभाग्य मिल रहा है।
हम सबको जीवन में भागवत कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए, क्योंकि भागवत कथा हमें मोक्ष का रास्ता दिखाती है। जिस प्रकार रामायण हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। उसी प्रकार भागवत कथा से हमें मोक्ष का रास्ता मिलता है। महाभारत युद्ध के समय जब अर्जुन सो रहे थे तब भगवान कृष्णा अर्जुन से बोले महाभारत का युद्ध चल रहा है।
तुम अर्जुन चैन की नींद सो रहे हो अब अर्जुन बोले हे माधव मेरी रक्षा के लिए आप जाग रहे हैं तो फिर मुझे जागने की क्या जरूरत है। इसलिए हम कह सकते हैं, जिसके साथ भगवान होता है, उस व्यक्ति को महाभारत जैसे युद्ध की भी चिंता करने की कोई
जरूरत नहीं होती है। बच्चों को धार्मिक ज्ञान दें।
भागवत कथा में महंत स्वामी लक्ष्मी नारायणदास महाराज ने कहा कि बच्चों को भी ऐसे संस्कार देना चाहिए कि वह भी धार्मिक ग्रंथों वेदों का बचपन से अध्ययन करें। जिससे उनको जीवन जीने का रास्ता मिले जीवन में क्या गलत है क्या सही है। इस मौके पर हरिप्रकाश सोलंकी ,गिरधारी वैष्णव, रामदीन सोलंकी, देवकिशन, रूपेश परमार, बाबूलाल पंवार, माली समाज हरिद्वार धर्मशाला, जुगराज, भीकमचंद, राकेश धुधियाड़ी, नरेंद्र हर्ष, श्री राम सोनी,नरेश जाजड़ा, कृपा राम , मीना , मंजू देवी,
सहित अनेक श्रद्धालु मौजूद रहे।