राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस
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प्रतिवर्ष 16 मार्च को देशभर में टीकाकरण को लेकर जागरूक करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
उद्देश्य
◆ जनहित हितार्थ हेतु सार्वजनिक रूप से स्वास्थ्य में टीकाकरण की भूमिका के महत्व को समझाने व जागरूकता का प्रचार प्रसार करना
◆ टीकाकरण ही अत्यधिक संक्रामक रोगों को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है इसके बारे में जागरूकता को बढ़ाना
क्यों मनाया जाता है
◆ राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस भारत सरकार के ‘पल्स पोलियो कार्यक्रम’ के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जो कि भारत से पोलियो उन्मूलन हेतु एक अनुकरणीय पहल थी।
◆ इस कार्यक्रम के तहत 5 वर्ष तक की आयु के बच्चों को पोलियो वैक्सीन की दो बूँदें प्रदान की जाती हैं।
◆ भारत में पल्स पोलियो कार्यक्रम एक बड़ी सफलता बन गया, क्योंकि वर्ष 2014 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को 'पोलियो मुक्त देश' घोषित कर दिया।
टीकाकरण से जुड़ी हुई बातें
◆ टीकाकरण सार्वजनिक स्वास्थ्य की बड़ी सफलता की एक कहानी रही है। लाखों बच्चों की जान बचाई गई है, लाखों लोगों के पास लवे और स्वस्थ जीवन का मौका है, सीखने, खेलने, पढ़ने और लिखने का एक बड़ा मौका है, बिना परेशानी के स्वतंत्र रूप से घूमने का मौका है।
◆ यह दिवस घातक बीमारियों से बचाव हेतु टीकाकरण की उपयोगिता के बारे में जागरुकता भी बढ़ाता है।
◆ यह दिवस पोलियो रोग के प्रति भारत की प्रतिबद्धता और कार्यवाही को भी चिन्हित करता है।
भारत में टीकाकरण कार्यक्रम
◆ भारत में टीकाकरण कार्यक्रम सर्वप्रथम वर्ष 1978 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 'एक्सपेंडेड प्रोग्राम ऑफ
इम्यूनाइजेशन' (EPI) के तौर पर चलाया गया था।
◆ वर्ष 1985 में इस कार्यक्रम का नाम बदलकर यूनिवर्सल टीकाकरण
कार्यक्रम कर दिया गया था।
◆ भारत का 'यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम' विश्व के सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में से एक है, जो प्रतिवर्ष लगभग 2.67 करोड़ नवजात शिशुओं और 2.9 करोड़ गर्भवती महिलाओं को
लक्षित करता है।