रणनीति पर चर्चा के लिए विपक्षी दल ने आज बेंगलुरु में की बैठक

रणनीति पर चर्चा के लिए विपक्षी दल ने आज बेंगलुरु में की  बैठक

आगामी विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों की रणनीति पर चर्चा करने के लिए 24 गैर-भाजपा दलों के नेता आज बेंगलुरु में दो दिवसीय सम्मेलन में मिलेंगे।

इस बैठक को विपक्षी दलों द्वारा एक साथ आने और भाजपा के खिलाफ एकजुट मोर्चा पेश करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। पार्टियों से अपेक्षा की जाती है कि वे एक सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम और अपने अभियानों के समन्वय के तरीकों पर चर्चा करें।

यह बैठक कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार के निमंत्रण पर हो रही है. कांग्रेस इस बैठक का उपयोग राज्य में अपनी किस्मत को पुनर्जीवित करने के लिए करने की उम्मीद कर रही है, जहां वह एक दशक से अधिक समय से सत्ता से बाहर है।

बैठक में जिन अन्य दलों के शामिल होने की उम्मीद है उनमें टीएमसी, एनसीपी, राजद, सपा, सीपीआई (एम), सीपीआई, बीएसपी और जेडी (एस) शामिल हैं।

यह बैठक ऐसे समय हुई है जब विपक्ष कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। भाजपा केंद्र और कई राज्यों में सत्ता में है और उसे 2024 के लोकसभा चुनावों में सबसे आगे देखा जा रहा है।

विपक्षी दल भी कृषि कानूनों और पेगासस स्पाइवेयर घोटाले सहित कई मुद्दों पर विभाजित हैं। हालाँकि, उन्हें उम्मीद है कि बेंगलुरु बैठक से उन्हें अपने मतभेदों को दूर करने और भाजपा के खिलाफ एकजुट मोर्चा पेश करने में मदद मिलेगी।

यहां लेख के कुछ मुख्य अंश:

24 गैर-भाजपा दलों के नेता दो दिवसीय सम्मेलन के लिए आज बेंगलुरु में मिलेंगे।
इस बैठक को विपक्षी दलों द्वारा एक साथ आने और भाजपा के खिलाफ एकजुट मोर्चा पेश करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
पार्टियों से अपेक्षा की जाती है कि वे एक सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम और अपने अभियानों के समन्वय के तरीकों पर चर्चा करें।
यह बैठक कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार के निमंत्रण पर हो रही है.
बैठक में जिन अन्य दलों के शामिल होने की उम्मीद है उनमें टीएमसी, एनसीपी, राजद, सपा, सीपीआई (एम), सीपीआई, बीएसपी और जेडी (एस) शामिल हैं।
यह बैठक ऐसे समय हुई है जब विपक्ष कई चुनौतियों का सामना कर रहा है।
भाजपा केंद्र और कई राज्यों में सत्ता में है और उसे 2024 के लोकसभा चुनावों में सबसे आगे देखा जा रहा है।
विपक्षी दल भी कई मुद्दों पर बंटे हुए हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि बेंगलुरु बैठक से उन्हें अपने मतभेदों को दूर करने और भाजपा के खिलाफ एकजुट मोर्चा पेश करने में मदद मिलेगी।