23 फरवरी। विशेष योग्यजन राज्य आयुक्त श्री उमाशंकर शर्मा ने विशेष योग्यजन विद्यार्थियों के कानूनी अधिकारों और योजनाओं की पालना की जांच के लिए स्कूलों के निरीक्षण का विशेष अभियान आरंभ किया किया है। श्री शर्मा के नेतृत्व में अभियान की शुरुआत मंगलवार को उदयपुर से हुई।
श्री शर्मा ने बताया कि मंगलवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा बाल अधिकारिता विभाग की संयुक्त टीम द्वारा उदयपुर शहर के 3 स्कूलों के निरीक्षण के साथ इसकी शुरुआत हुई। सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों के भवनों एवं व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान देखा जा रहा है कि विशेष योग्यजन बच्चों के लिए स्कूलों के भवन एवं व्यवस्थाएं कितने अनुकूल हैं। इसके तहत स्कूलों के कक्षा कक्ष परिसर, शौचालय, कैफेटेरिया, बैठने की व्यवस्था, प्रवेश द्वार, लिफ्ट, पेयजल, आपातकाल निकासी एवं रैंप की व्यवस्था सहित 75 पैरामीटर की गहनता से जांच की जा रही है। विद्यालयों में विशेष योग्यजन बच्चों को मिलने वाली सभी आवश्यक सुविधाओं की जांच की जा रही है। निरीक्षण के दौरान विद्यालय प्रबंधन को विशेष योग्यजन बच्चों का पूरा ख्याल रखने के निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान शिक्षा का अधिकार अधिनियम — 2009 के तहत विद्यालयों में विशेष योग्यजन बच्चों के प्रवेश की भी जांच की जा रही है एवं विद्यालयों को इस अधिनियम के तहत नियमानुसार विशेष योग्यजन बच्चों को प्रवेश देने हेतु पाबंद किया जा रहा है।
विशेष योग्यजन बच्चों के अनुकूल हों सभी विद्यालय :शर्मा
श्री शर्मा ने बताया कि उदयपुर में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा भी सभी विद्यालयों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। आदेश के अनुसार जिले के सभी पीईईओ को अपने अधीनस्थ विद्यालयों का निरीक्षण करना है। जो विद्यालय विशेष योग्यजन बच्चों के अनुकूल नहीं पाया जाएगा उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी।
उन्होंने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य राज्य के समस्त विद्यालयों को विशेष योग्यजन बच्चों के अनुकूल बनाना है जिससे कि वे भी आसानी से शिक्षा ग्रहण कर सक्षम नागरिक बन सकें।
पहली बार शुरू हुआ इस तरह का अभियान
विशेष योग्यजन आयुक्त ने बताया कि प्रदेश में पहली बार इस तरह का अभियान शुरू किया गया है जिसके तहत हर विद्यालय को विशेष योग्यजन बच्चों के अनुकूल बनाने का प्रयास किया जा रहा है।