जयपुर, 28 फरवरी। कविता की पंक्तियों के माध्यम से रमन प्रभाव, कीटनाशकों का प्रयोग किए बिना जैविक खेती के गुर, 5 किलो की लौकी, 8 किलो की तुरई और 25 किलो की गोभी के उत्पादन का तरीका, वर्षपर्यंत केवल 1 लीटर पानी से किस प्रकार खेती की जाए, ये सब गुर बाल वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों को जानने और सीखने को मिले राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह- 2023 में।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा जयपुर के शास्त्री नगर में स्थापित क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र एवं विज्ञान उद्यान में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मंगलवार को आयोजन किया गया। राज्य स्तरीय समारोह अपने-अपने क्षेत्रों में नवाचार करने के लिए प्रसिद्ध पद्मश्री श्री जगदीश प्रसाद पारीक, पद्मश्री श्री सुंडा राम तथा भौतिकी के प्रोफेसर ऋषि कुमार सिंघल की उपस्थिति में मनाया गया। नोबेल पुरस्कार विजेता सर सी वी रमन ने रमन प्रभाव की खोज 28 फरवरी, 1928 को की थी, इस दिवस को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान (ग्लोबल साइंस फॉर ग्लोबल वेल बीइंग) रखी गई है।
इस अवसर पर क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र के क्यूरेटर श्री कैलाश मिश्रा ने बताया कि विज्ञान के प्रचार प्रसार के लिए विभाग द्वारा 28 फरवरी से 15 मार्च तक प्रदेश के सभी जिलों में निजी शिक्षण संस्थाओं, महाविद्यालय, विद्यालय, अभियांत्रिकी विद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इनमें चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या पर प्रदर्शन, द्रव्य नाइट्रोजन के मनोरंजक प्रयोग, साइंस शो, विज्ञान प्रदर्शनी, विज्ञान चित्रकला प्रतियोगिता, विज्ञान निबंध, विज्ञान क्विज, विज्ञान प्रदर्शनी, विज्ञान वार्ता, स्लोगन राइटिंग, वाद विवाद जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। कार्यक्रम में आगामी 15 दिनों के लिए पूरे प्रदेश में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कार्यक्रमों के पोस्टर का विमोचन किया गया।
सेल्फी पॉइंट बन रहे लोगों के आकर्षण का केंद्र-
श्री मिश्रा ने बताया कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर विभाग द्वारा पूरे जयपुर शहर के प्रमुख स्थानों पर सेल्फी प्वाइंट लगाए गए हैं जिसका लोगों में विशेष आकर्षण है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा यह नवाचार किया गया है जिससे लोगों को विज्ञान की अवधारणाओं से जोड़ा जा सके और अंधविश्वासों से परे जागरूक किया जा सके।
विज्ञान उद्यान में आयोजित कार्यक्रम में सर सी वी रमन का जीवन परिचय देते हुए राजस्थान विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ऋषि कुमार सिंघल ने बताया कि मात्र 18 वर्ष की उम्र में सर सी वी रमन का शोध पत्र प्रकाशित हुआ था। सागर की लहरों पर सूर्य के किरणों की अठखेलियां देखकर सी वी रमन के मन में विचार आया कि यह कोई सामान्य घटना नहीं बल्कि विज्ञान की एक महत्वपूर्ण घटना है और वे प्रकाश के प्रकीर्णन के अध्ययन में जुट गए। उन्होंने मात्र 200 रूपए की लागत से स्पेक्ट्रोमीटर का आविष्कार किया और स्पेक्ट्रोस्कोपी के माध्यम से रमन प्रभाव ने उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करवाया। इस अवसर पर प्रोफ़ेसर सिंघल ने बच्चों को कविता की पंक्तियों के माध्यम से रमन प्रभाव को सरल तरीके से समझाया।
समारोह में उपस्थित बच्चों और विद्यार्थियों को सीकर जिले की माधोगढ़ तहसील के अजीतगढ़ गांव के आठवीं पास किसान पद्मश्री जगदीश पारीक ने अपनी जीवनी और कृषि के क्षेत्र में किए गए नवाचारों से प्रोत्साहित किया। उन्होंने ने बताया कि वर्ष 1957 से उन्होंने खेती करना शुरू किया लेकिन उन्होंने उत्पादन बढ़ाने के लिए कभी भी कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया। उन्होंने लौकी, तुरई, गोभी सभी के वजन बढ़ाने पर प्रयोग किए और 25 किलो से अधिक वजन की गोभी का सफलतापूर्वक उत्पादन किया। उन्होंने हर महीने बोए जा सकने वाले बीजों पर भी नवाचार किया।
इसी प्रकार युवा वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करते हुए पद्मश्री सुंडाराम ने बताया कि उन्होंने विज्ञान विषय का अध्ययन नहीं किया लेकिन किस प्रकार 1 लीटर पानी से ही खेती की जा सके, यह उन्होंने अपने अनुभव से सीखा और उन्हें ड्राई लैंड फॉरेस्ट्री के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
विजेताओं को किया पुरस्कृत-
कार्यक्रम में राष्ट्रीय विज्ञान संगोष्ठी- 2022, राष्ट्रीय विज्ञान नाटक उत्सव प्रतियोगिता- 2022, पश्चिम भारत विज्ञान मेला 2022- 23, नेशनल चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस 2022- 23 के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।
ये छात्र और शिक्षक हुए सम्मानित-
क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र एवं विज्ञान उद्यान शास्त्री नगर द्वारा आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान संगोष्ठी- 2022 में राज्य स्तर पर प्रथम तीन विजेताओं लक्ष्य जैन जयश्री पेरीवाल हाई स्कूल, काशवी बालोठिया बांगड़ पब्लिक स्कूल पाली, दिव्यदर्शनी राणावत द क्रिएटिव ब्रेन अकैडमी को सम्मानित किया गया। क्षेत्रीय कार्यालय, अजमेर द्वारा आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान नाटक उत्सव- प्रतियोगिता- 2022 में प्रथम स्थान प्राप्तकर्ता सर पदमपत सिंघानिया स्कूल कोटा, द्वितीय स्थान प्राप्तकर्ता बिरला पब्लिक स्कूल किशनगढ़ अजमेर, तृतीय स्थान प्राप्तकर्ता महाराणा मेवाड़ पब्लिक स्कूल उदयपुर को पुरस्कृत किया गया।
इसी प्रकार क्षेत्रीय कार्यालय, जोधपुर द्वारा आयोजित पश्चिम भारत विज्ञान मेला 2022- 23 के लिए दिव्यांशी सिंघल व निहारिका सिंह सेंट पीटर सीनियर सेकेंडरी स्कूल भरतपुर, विशेष सिंह चौहान व करण शर्मा सेंट्रल अकेडमी शिक्षांतर स्कूल कोटा, पलक गहलोत व दीपाली खत्री सेंट पॉल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सिरोही को सम्मानित किया गया।
टीचिंग एड के लिए डॉ कृष्णा गुप्ता राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल निवाई टोंक, मनीष कुमार राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल बगीछा रायसिंहनगर, विशाखा पुरोहित अवर लेडी ऑफ़ पिलर कान्वेंट स्कूल जोधपुर को सम्मानित किया गया।
क्षेत्रीय कार्यालय, कोटा द्वारा आयोजित नेशनल चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस 2022- 23 में यूवी रेडिएशन के लिए राघव तिवारी व मोहम्मद ताहिर डीपीएस निंबाहेड़ा चित्तौड़गढ़, प्लास्टिक टू प्योर के लिए दिया अग्रवाल व हार्दिक पंवार अवर लेडी ऑफ़ पिलर कान्वेंट स्कूल जोधपुर तथा सिवान ए पोटेंशियल फ्रोज ग्रास इन जैसलमेर के लिए धैर्य व्यास व यश जोशी सेंट पॉल स्कूल जैसलमेर को सम्मानित किया गया।